राग- गौड़ सारंग
ठाठ - कल्याण (मतान्तर में कई लोग इसे विलावल ठाठ से उत्पन्न भी मानते हैं)
दोनों मध्यम का प्रयोग
गायन समय- दोपहर या मध्यान्ह काल
वादी - ग
संवादी- ध
जाति- सम्पूर्ण (*वक्र सम्पूर्ण- अर्थात आरोह व अवरोह में सभी स्वरों का प्रयोग *वक्र होता है)
*वक्र स्वर का अर्थ - जिस स्वर का प्रयोग सीधे न होकर घुमा कर किया जाए - उदाहरानार्थ 'सा रे ग म' सीधे न गा कर अगर 'सा रे ग रे म' गाया जाए तो ग वक्र स्वर हुआ क्योंकि ग के बाद सीधे म न लगा कर रे पर उतर कर फिर म लगा )
विशेषताएं - तीव्र म का अल्प प्रयोग केवल आरोह में प के साथ ही होता है|
नि का प्रयोग भी अल्प है
' प रे' स्वर संगति का बहुतायत से प्रयोग किया जाता है
विशेष स्वर संगति-
- सा, ग रे म ग, प ऽ रे सा
- ग रे म ग
-रे ग रे म ग प ऽ रे सा
आरोह - सा ग रे म ग, प म॑ ध प, नि ध सां|
अवरोह- सां ध, नि प, ध म॑ प, ग रे म ग, प रे सा|
पकड़ - सा, ग रे म ग प ऽ रे सा|
नीचे पंडित भीमसेन जोशी की आवाज़ में विलंबित ख़याल व द्रुत छोटा ख़याल
उसके नीचे पंडित उल्हास कशल्कर द्वारा गाया प्रसिद्द छोटा ख़याल - पियु पलन लागी मोरी
भारतीय सिनेमा में गौड़ सारंग को गाया गया है कई फिल्मों में|
फिल्म 'छोटी छोटी बातें' में मीना कपूर की आवाज़ में
कुछ और ज़माना कहता है
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