इस पोस्ट में होली के अवसर पर दो बंगला होली गीतों का आनंद लीजिये-
पहले पंडित अजय चक्रवर्ती की आवाज़ में-
होली खेलीछे श्याम कुंज कानने
फिर कई रागों का मिश्रण इस गीत में। बसंत राग की छाया में रचा गया ये गीत मानवेन्द्र मुखर्जी और श्यामल मित्र की आवाज़ में सुनिये-
सुंदर नटवर खेलत होरी-
सभी को २००९ में होली की शुभकामनायें।
Saturday, March 07, 2009
दो बंगला होली गीत- अजय चक्रवर्ती और मानवेन्द्र/श्यामल मित्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
4 comments:
नमस्ते मानोषी जी,
होली के अवसर पर इतने सुन्दर गीत आप ने सुनवाये.आनंद आ गया.
बहुत बहुत धन्यवाद.
आप को भी होली के त्योहार की रंगबिरंगी शुभकामनायें.
Wish you a wonderful Holi too Manoshi.
Great songs, thanks.
Hi Manoshi - Gr8! Pt Ajayji's recording is simply great... Don't know where you got it from, but heart-felt thanx...!!!
पहली बार संगीत आया.
मज़ा आ गया.
बड़े मन से रचनाओं का चयन किया है आपने.
ब्लॉग बिरादरी को सुरीला बनाएगा आपका ब्लॉग.
Post a Comment